शनिवार, 4 जुलाई 2009

जापान की समसामयिक कविता

हिन्दी बहुत उदार और प्रगतिशील भाषा है । विश्व की प्राय: सभी महत्वपूर्ण भाषाओँ से अनुदित हो कर कविताएँ हिन्दी में आती रही हैं। पाठकों ने उन्हें सराहा और स्वीकार भी किया है। कुछ वर्ष पूर्व मैंने कनाडा की कविताओं का अनुवाद किया था जो निरंतर कविता पत्रिका काव्यम में छपा और बाद में - कविता देशांतर -कनाडा - के नाम से पुस्तकाकार प्रकाशित भी हुआ ।
इन दिनों जापान की कविता को समझने का प्रयास कर रहा हूँ और इसका ही परिणाम है आधुनिक जापानी कवियित्री मसायो कोइके की  कुछ कवितायेँ । हिन्दी अनुवाद में लीथ मार्टिन(LEITH MORTON) के अंग्रेजी अनुवाद से सहायता ली गयी है । इन कविताओं का प्रकाशन मध्यप्रदेश साहित्य अकादमी की पत्रिका साक्षात्कार के फरवरी, 2009 के अंक (350) में हुआ है।

प्रस्तुत हैं उनकी कुछ कविताएँ -


 


भोर : एक छोटी कविता

A SHORT POEM ABOUT DAY BREAK

अमेरिका -
सान्ता फ़े के एक शौचालय में
भोर हो रही है
लघुशंका निमग्न थी मैं बहुत लम्बे समय से
मुझे लगा समूचे विश्व में
बस मैं और अकेली यही एक ध्वनि है
मैं जानती थी - मैं ही कर रही हूं यह शोर
हो रही थी एक विचित्र-सी अनुभूति
कि कहीं बाहर से आ रही है यह आवाज़
कुछ आश्वस्त सी मैं प्रतीक्षा कर रही थी इसके अंत की
पर यह कब खत्म होती है
बूढ़ी औरत की अन्तहीन कहानी-सी
समय जो बिल्कुल निरपेक्ष है कहीं भी
मैं नहीं थी यहां
मैं तो कह सकती हूं यहां तक
मैं नहीं हूं जीवित भी
इस समय बन्द हो गई है आवाज़

 
इस कमरे में जो तेज़ी से हो रहा है ठंडा
नि:शब्द आत्मा ने की है एक रचना
क्या यह मैं ही हूंमैं ?
जीवन का तापमान पीछे रह गया है अदृश्य
गोले के आकार में
क्या तुम वहां उस कमरे में थे?
मैं थी, मैं जीवित हूं
उस समय से भी पहले जब सवाल पूछने वाली आवाज़
पहुंच पाई थी मुझ तक


4 टिप्‍पणियां:

Unknown ने कहा…

शुक्रिया जनाब।
जापानी अंतस का यह पहलू उजागर करने के लिए।

RAJESHWAR VASHISTHA ने कहा…

समय विवेकशील है . उसके मंतव्य का सम्मान करते हुए, मैं अपनी कृतज्ञता ज्ञापित करता हूँ .

Dev ने कहा…

Bahut sundar sir, really owesome..aur sabase badi bat abhi tak kisi ne bhi aisi shuruaat nahi ki, ek alag bhasha ka hindi me rupantaran....really superb..

Regards

बेनामी ने कहा…

Aapke is prayaas ki jitnee tareef ki jaaye kam hai.
वैज्ञानिक दृ‍ष्टिकोण अपनाएं, राष्ट्र को उन्नति पथ पर ले जाएं।